प्रिंस शर्मा/काजल चौधरी
रूड़की/हिंदुस्तान समाचार
पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर एक रूड़की में 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस को उत्साह के साथ मनाया गया। यह दिवस किताबों के नाम समर्पित है। इस अवसर पर प्राचार्य चंद्रशेखर बिष्ट ने बताया कि विश्व पुस्तक दिवस जिसे विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में भी जाना जाता है। पहली बार यूनेस्को द्वारा 23 अप्रैल 1995 को मनाया गया था। विद्यालय में इस दिवस को मनाने का महत्व और बढ़ जाता है। ताकि बचपन से ही विद्यार्थियों के अन्दर पुस्तक पढने की आदत को विकसित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर विद्यालय में बच्चों को पुस्तकों के प्रति रूचि जागृत करने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिनमे नारा लेखन,प्रश्नोत्तरी, पोस्टर मेकिंग, पुस्तक समीक्षा लेखन प्रमुख रही जिनमें चित्रकला प्रतियोगिता में माध्यमिक विभाग से कक्षा 8 की किंजल शर्मा व कक्षा 9 की जोया खान ने प्रथम स्थान प्राप्त कर बाजी मारी वही कक्षा 8 की आयशा साबरी व कक्षा 10 के हितेश ने द्वितीय तथा कक्षा 7 के अंश व कक्षा 6 की कीर्ति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पुस्तक समीक्षा लेखन प्रतियोगिता में कक्षा 12 की जिन्तु राय प्रथम, कक्षा 9 के कवि शर्मा ने द्वितीय एवं कक्षा 10 के नरेन्द्र ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।चित्रकला प्रतियोगिता में प्राथमिक विभाग से कक्षा 4 की समृद्धि ने प्रथम, कक्षा 2 की आव्या सिंह ने द्वितीय एवं कक्षा 5 की रेतिका परुआ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विजेता प्रतिभागियों को बधाई देते हुए उपप्राचार्या अंजू सिंह ने कहा कि ज्ञान,मनोरंजन और अनुभव की बात कहती ये किताबें यूँ ही नहीं पूजी जातीं।
अभिभावकों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों के लिए अच्छी-अच्छी किताबें पढने के लिए प्रेरित करें तथा उनके सामने खुद भी पुस्तक पढ़े और अपने बच्चों में किताबें पढ़ने के संस्कार विकसित करें। इस अवसर विद्यार्थियों को इसके महत्व के बारे में बताते हुए पुस्तकालयाध्यक्ष पूनम कुमारी ने कहा कि बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को आसानी से बढ़ावा देना,कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिये यूनेस्को द्वारा पूरे विश्व भर में इसे मनाने की शुरुआत हुइ।
विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है। किताबों के पन्नों पर जीवन का हर अर्थपूर्ण अनुभव सहेज लिया जाता है। ताकि आने वाला कल और भी सुंदर बन सके। मुख्य अध्यापिका नेहा चौबे ने बताया कि प्राथमिक कक्षा से ही विद्यार्थियों में पढने की आदत को विकसित करने के उद्येश्य से विद्यालय में कक्षा-पुस्तकालय एवं रीडिंग-कार्नर की व्यवस्था की गयी है।