प्रिंस शर्मा
रुड़की/हिंदुस्तान समाचार
आई आई टी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित परियोजना “खेत में जल प्रबंधन के माध्यम से सिंचाई दक्षता में सुधार” के अंतर्गत आज शुक्रवार को नारसन विकासखंड के नगला एमाद गाँव में किसान चौपाल का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में परियोजना अधिकारी प्रो० आशीष पांडेय ने परियोजना के कार्यकलाप की जानकारी देते हुए पानी के समुचित प्रबंधन एवं उसके उचित प्रकार से उपयोग करने को लेकर किसानों को जागरूक किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री उमाशंकर पाण्डेय उपस्थित रहे जिन्हें वर्ष 2023 में जल संचयन और संरक्षण में उनके योगदान हेतु भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। उमाशंकर पांडेय ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड स्थित अपने गाँव की जलस्तर की स्थिति से आहत हुए और उन्होंने जल संचयन और प्रबंधन करने का बीड़ा उठा लिया। इसके लिए उन्होंने अनेक प्रयास किये और भू जल प्रबंधन हेतु ‘पानी के पहरेदार’ मॉडल से भू जल स्तर को सुधारने का प्रयास किया। उनके इस प्रयास से 470 से अधिक गांवों को मदद मिली जिसकी सराहना भारत सरकार ने भी की।
उन्होंने बताया कि जहां उस क्षेत्र में कभी 1 क्विंटल बासमती चावल का उत्पादन नही होता था आज जल प्रबंधन की वजह से हम इतना सक्षम हैं कि हम चावल निर्यात करते हैं। उन्होंने ‘खेत पर मेड और मेड़ पर पेड़’ का नारा दिया साथ ही बताया कि जल को हम उत्पन्न नहीं कर सकते सिर्फ उसका संरक्षण कर सकते हैं। अतः हम सबको जल संरक्षण के प्रति जागरूक होना पड़ेगा।
कार्यक्रम के अंत मे उन्होंने सभी उपस्थित किसान भाइयों को जल संरक्षण शपथ भी दिलाई।