प्रिंस शर्मा/काजल चौधरी
रुड़की/हिंदुस्तान समाचार
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक रूड़की में आज पुस्तकोपहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नए सत्र में अगली कक्षा में जाने वाले बच्चे अपनी पिछली कक्षा की पुस्तकें विद्यालय में दान करते है तथा अपने लिए नयी कक्षा की दान में आई हुई पुस्तकें प्राप्त करते है। इसमें आज कक्षा एक से नौ तक के बच्चों ने आपस में किताबों का आदान-प्रदान किया।
विद्यार्थियों तथा अभिभावकों ने इस कार्यक्रम में उत्साह से भाग लिया। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक – 1 रूड़की में आयोजित पुस्तक उपहार कार्यक्रम में विद्यार्थियों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए प्राचार्य चन्द्रशेखर बिष्ट ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण है। इसके अलावा किताबों पर व्यय होने वाले पैसों की बचत तथा विद्यार्थियों में सहयोग की भावना विकसित करना भी इसमें निहित है।
इस कार्यक्रम की सबसे अच्छी बात यह रही कि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने अपनी पुस्तके आपस में बदलकर पेड़ों को कटने से बचाया तथा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपना सहयोग दिया।अपने आशीर्वचन में उपप्राचार्या अंजू सिंह ने कहा कि छात्रों ने पूरे साल किताबों को पढ़ा। इसके बाद भी उन्होंने किताबों को संभालकर रखा जिससे इनका इस्तेमाल दूसरे छात्र आसानी से कर सकेंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ उन छात्रों की भी मदद हो जाती है।
जो पुस्तके खरीदने में असमर्थ होते है। मुख्य अध्यापिका नेहा चौबे ने भी इस कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाग करने के लिए विद्यार्थियों तथा अभिभावकों को प्रेरित किया। इस अवसर पर अभिभावकों को इस कार्यक्रम में अपना बढ़ चढ़कर सहयोग देने के लिए धन्यवाद करते हुए पुस्तकालयाध्यक्ष पूनम कुमारी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन के “कागज बचाओ-पेड़ बचाओ” अभियान के तहत हर वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। ताकि विद्यार्थियों को बचपन से ही पर्यावरण-संरक्षण के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनाया जा सके तथा उनमे सहयोग की भावना विकसित की जा सके।
कक्षा एक से नौ तक के करीब 800 विद्यार्थियों ने आपस में पुस्तकें बदलकर हजारों पेड़ों को कटने से बचाया। कार्यक्रम का संचालन ओमबीर सिंह ने किया। इस अवसर पर संदीप सहदेव, श्रुति पालीवाल, अंजलि यादव, गार्गी वर्मा, कुसुम जोशी, कनिका, सोनाली, प्रतिमा एवं शिवानी आदि शिक्षकों का विशेष सहयोग रहा।